डिजिटल युग में खासकर कोविड 19 दौर के बाद स्कूल जाने वाले तकरीबन 25 प्रतिशत बच्चों की नजर प्रभावित: डॉ. महिपाल सिंह सचदेव
नई दिल्ली : डिजिटल युग में खासकर कोविड 19 दौर के बाद स्कूल जाने वाले तकरीबन 25 प्रतिशत बच्चों की नजर प्रभावित हुई है। इसकी वजह हैं ऑनलाइन क्लास। चिंता की बात यह है कि इस 25 प्रतिशत बच्चों की आबादी में से करीब एक तिहाई लोकल स्तर पर गलत तरीके से बताए गए आई वियर के कारण विजन की समस्याओं से जूझ रहे हैं। देश भर में लाखों लोगों की दुनिया रोशन करने वाली सबसे बड़ी प्राइवेट आई केयर चेन ‘सेंटर फॉर साइट’ अब महेंद्रा ग्रुप के साथ मिलकर पूरे भारत में अपनी सेवाओं का विस्तार करने जा रही है। सीएफएस विजन के नाम से कंपनी चश्मों के बाजार में नामी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के साथ-साथ ‘एडमायरा’ और ‘अवंता’ नाम से भी ब्रांड पेश कर रही है। सीएफएस विजन का लक्ष्य आई वियर और आई केयर क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी और समग्र चेन बनने का है। कंपनी लोगों में एक ऐसा विश्वास पैदा करना चाहती है कि अगर किसी को आई वियर या आई केयर की जरूरत है, तो उसे पता हो कि उसे कहां जाना है। इस तरह वल्र्ड क्लास आई वियर और सर्वश्रेष्ठ क्लीनिकल केयर की जुगलबंदी दूसरे ऑप्टिकल चेन्स से सीएफएस विजन को बहुत आगे खड़ा कर देती है।
मरीजों को सबसे विश्वसनीय सुविधाएं आसानी से मिल जाएं और साथ ही एक ही छत के नीचे या फिर एकदम पास बाकी सारी सेवाएं भी मिल जाएं तो फिर उसे और क्या चाहिए। सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आइज हॉस्पीटल्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. महिपाल सिंह सचदेव का कहना है कि हमारा इस मंत्र में विश्वास है कि हर आंख सर्वश्रेष्ठ की हकदार है हमारा लक्ष्य है कि हम 2 टियर या 3 टियर शहरों में पहुंच जाएं ताकि ऐसे मरीजों को अपने इलाज के लिए बहुत ज्यादा सफर भी न करना पड़े बल्कि हम उसके करीब पहुंच जाएं। अगर सीएफएस विजन की बात करें तो 2027 तक 350 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का लक्ष्य हासिल करना है और हर साल 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है यानी सीएजीआर वृद्धि 70 फीसदी और ईबीआईटीडीए पॉजिटिव हो। डॉ. महिपाल का कहना है कि सीएफएस विजन अत्याधुनिक तकनीक, टेली-कंसलटेशन और सेवाओं का उपयोग करते हुए हर उम्र यानी पालने से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए रिटेल क्षेत्र में भी आई वियर और आई केयर की जरूरतों को पूरा करेगा। सीएफएस विजन आने वाले वर्षों में मेक इन इंडिया मिशन के तहत फ्रे म और लेंस के निर्माण में भी काम करेगा।
देश भर में 47 सेंटर खोलकर ऑप्टिकल सेवाएं देने के बाद अब हमारी नामी आई चेन की मंशा है कि हम 2027 तक देशभर में नए 500 सीएफएस विजन सेंटर्स स्थापित करने का सपना पूरा करें। भारतीय उपमहाद्वीप में 36 करोड़ आबादी को अभी भी आई वियर मदद की जरूरत है। सीएफएस आने वाले वर्षों में इस अधूरेपन को पूरा करने के लिए कमर कस रहा है। उन्होंने कहा कि सीएफएस विजन अपनी कोशिशों को दुगुना करके पूरे देश में इसे दुरुस्त करना चाहता है। सच्चाई यह है कि अगर शुरू में ही ऐसी स्थितियों की पहचान की जाती है, तो उपयुक्त आई वियर, लेज या लेजर विजन में सुधार किया जा सकता है।