सरना धर्म कोड पर गंभीर नहीं भाजपा- सालखन
दुमका : भाजपा और झामुमो वोट बैंक के लिए सरना धर्म कोड के प्रति गंभीर नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया है। अब केंद्र को फैसला लेना है। अगर 20 जनवरी तक किसी तरह की सकारात्मक पहल नहीं हुई तो आंदोलन की शुरुआत होगी। यह बात आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने बुधवार केवी वाटिका में कही।
कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद सालखन ने कहा कि भाजपा और झामुमो सरना धर्म कोड के पक्षधर नहीं है। भाजपा आदिवासियों को हिदू और झामुमो ईसाई बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के माध्यम से विधानसभा में सरना धर्म कोड की जगह सरना आदिवासी धर्म कोड के लिए विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव तैयार किया, लेकिन राज्यपाल की बिना अनुशंसा के सीधे दिल्ली भेज दिया। अब भाजपा पर निर्भर है कि वह प्रस्ताव को मंजूर करती हैं या फिर खारिज। अगर केंद्र प्रस्ताव पारित करती है तो कई ईसाई नेता आदिवासी होने का दोहरा लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। केंद्र ने 20 जनवरी तक प्रस्ताव पर सकारात्मक पहल नहीं की तो 21 जनवरी को सभी जिला मुख्यालय में धरना और 31 जनवरी को देश भर में रेल रोको चक्का जाम किया जाएगा। इस मौके पर सावित्री मुर्मू, विमो मुर्मू, पंकज हेम्ब्रम, कमिश्नर मुर्मू, हिरोसिल मुर्मू, सुभाषटेन टुडू, मदन मुर्मू व एनोस सोरेन मौजूद थे।