संजय सिंह ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, कांग्रेस छोड़ बीजेपी में होंगे शामिल

नई दिल्ली : कांग्रेस और गांधी परिवार के करीबी रहे वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने आज राज्यसभा और पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामने का ऐलान किया है. उन्होंने कांग्रेस को बिना नेतृत्व वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है और अब वह भी उनके साथ हैं. संजय सिंह ने बताया कि वह बुधवार को बीजेपी में शामिल होंगे.
संजय सिंह अमेठी के राजपरिवार से आते हैं.

डॉ. संजय सिंह असम से राज्यसभा सदस्य हैं और उनका कार्यकाल अभी एक साल का बचा हुआ है. इसके बावजूद उन्होंने राज्यसभा और कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया. संजय गांधी के दोस्त रहे संजय सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कांग्रेस से ही किया था, लेकिन राममंदिर आंदोलन के दौरान कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे.

संजय सिंह ने इस्तीफे के बाद कहा, ‘मैं कांग्रेस इसलिए छोड़ रहा हूं क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व जीरो है. मैं ‘सबका साथ सबका विकास’ के कारण मोदी का समर्थन करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अभी भी अतीत में है, उसे भविष्य का पता नहीं है. आज पूरा देश पीएम मोदी के साथ है और अगर देश उनके साथ है तो मैं भी उनके साथ हूं. कल मैं बीजेपी ज्वॉइन करूंगा. मैंने पार्टी और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है.’ संजय सिंह 1998 में अमेठी संसदीय सीट से कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को हराकर सांसद चुने गए थे. इसके बाद वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे. राहुल गांधी के कांग्रेस में एंट्री करने के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में वापसी की. 2009 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह सुल्तानपुर सीट से सांसद चुने गए थे.

संजय सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से नाराज हो गए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें असम से राज्यसभा भेजा. इसके चलते सुल्तानपुर सीट से उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह चुनाव लड़ी थीं, लेकिन वो जीत नहीं सकीं. हालांकि संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह मौजूदा समय में अमेठी से बीजेपी की विधायक हैं.

संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह ने भी कांग्रेस छोड़ दी है. अमिता सिंह ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (यूपी) की अध्यक्ष थीं. संजय सिंह ने कहा, ‘1984 से कांग्रेस के साथ रिश्ता है. पार्टी छोड़ने का फैसला कांग्रेस को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेगा. पिछले 15 साल में कांग्रेस में जो कुछ हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ. बहुत कुछ सोचने के बाद मैंने यह निर्णय लिया है.’

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