आरयूजीएमपी नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे
अगरतला : त्रिपुरा में सीपीआई (एम) के जनजातीय विंग आरयूजीएमपी ने शनिवार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने और “लोकतंत्र को बचाने” के लिए राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। पूर्व सांसद व त्रिपुरा राज्य गणपति गण परिषद के अध्यक्ष जितेन चौधरी ने भी इसी महीने जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और नए नागरिकता कानून को चुनौती दी हैं । इस मौके पर पूर्व सांसद ने कहा कि संशोधित अधिनियम “भेदभावपूर्ण” और “असंवैधानिक” है।
उन्होंने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “हम सीएए के खिलाफ शनिवार से अपना राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे, क्योंकि यह असंवैधानिक है। यह अधिनियम लोगों पर मुख्य रूप से उत्तर पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर विनाशकारी प्रभाव लाएगा।” उन्होंने कहा कि त्रिपुरा राज्य में “अतिपिछड़ा है और अधिक लोगों को समायोजित करने की क्षमता नहीं है”।
श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा-आईपीएफटी सरकार आम लोगों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है। “मुख्य रूप से जनजातीय बसे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कोई नौकरी नहीं है, जबकि अपराध की दर बढ़ रही है। भाजपा ने मनरेगा के तहत पर्याप्त नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में कोई नौकरी नहीं है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आदिवासियों ने बांग्लादेश को अपनी आजीविका के लिए वन उत्पाद इकट्ठा करने के लिए उकसाया और सरकार ने उनकी समस्याओं पर आंख मूंद ली। “भाजपा ने सरकार के पहले साल में मनरेगा मजदूरी, 50,000 सरकारी नौकरियों और कई अन्य आश्वासन दिए थे पर वे विफल रहे । राज्य लगातार नौकरियों और भोजन के गंभीर संकट से जूझ रहा है।”