अलग कॉलम की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर आदिवासियों ने दिया धरना

नई दिल्ली : जनगणना में पुनः आदिवासी कॉलम लागू करवाने की मांग पूरे देश में लगातार रफ्तार पकड़ रही है। होने वाले जनगणना में आदिवासियों के लिए पुनः अलग ट्राइबल कॉलम देने की मांग को लेकर जंतर मंतर में अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद् के बैनर तले देश के विभिन्न राज्यों से आये आदिवासियों द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया।

उक्त कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा, पूर्व मंत्री झारखण्ड सरकार गीताश्री उराउ व कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

इसके अलावे यहां छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश , बिहार, राजस्थान, असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित झारखंड के आदिवासी अगुवा शामिल हुए। यहां सब ने धर्म कोड की मांग को लेकर अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया।

ब्रिटिश शासन काल 1871-1941 तक की हुई जनगणना प्रपत्र में देश के आदिवासियों के लिए अलग 7वां कॉलम अंकित किया गया था, जहां देश के आदिवासी, धर्म के स्थान पर खुद को अन्य धर्म जैसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन से अलग मानकर 7वें में कॉलम पर अपना धर्म लिखते थे।

परंतु देश की आजादी के बाद एक बड़ी और सोची समझी साजिश के तहत देश की आजादी के बाद सुनियोजित तरीके से कॉलम को हटा दिया गया। ज्ञात हो कि धरना प्रदर्शन के पश्चात राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, अनुसूचित जनजाति आयोग, महा रजिस्ट्रार जनगणना आयोग को ज्ञापन सौंपा गया।
धरना प्रदर्शन को विश्वनाथ वाकडे, प्रेम शाही मुंडा, अभय भुटकुंवर, उमेश लोहरा, धानसिंह भलावी, मेघलाल मुंडा, सुखदेव ठाकुर, नारायण गजवे, प्रवीण पारगी, सुखनंदन धुर्वे, सिलईचरण पूर्ति, अजित मरावी , भुवन सिंह कोराम, बापी पंकज सिरका, सिया देवी पेन्द्रो ने सम्बोधित किया।

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