देश के आदिवासियों के समस्याओ को लेकर संगोष्ठी का आयोजन

Adivasi Seminar at Indian Social Institute New Delhi

नई दिल्ली: वर्तमान में देश के आदिवासीयों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपने आवाज बुलंद करने के लिए सभी आदिवासी एक होने के लिए नई दिल्ली स्थित भारतीय सामाजिक संस्थान मे एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया , जिसमे दिल्ली तथा दिल्ली के आसपास के राज्यों से भी कई आदिवासी वर्ग के लोग शामिल हुए। संगोष्ठी में आदिवासी से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। विशेष कर जल, जंगल और जमीन को लेकर किस तरह आदिवासियों के ऊपर शोषण निरंतर जारी हैं उस पर भी गहराई से चर्चा किया गया। सरकार ने कुछ कानून तो बनाये हैं आदिवासियों के हित में लेकिन उसी कानून को तोड़ने के लिए फिर दूसरा कानून बनाये हैं, कुल मिलाके देखा जाएँ तो बात साफ़ हैं की पीसना तो आदिवासियों को ही हैं। बैठक में सभी लोगों ने अपना अपना बात रखी और किस तरह आदिवासियों को बचाया जा सके उसके ऊपर भी चर्चा किया गया। एक दिवसीय इस कार्यशाला में सभी लोगों ने मिलकर एक समिति बनाने के लिए निर्णय लिया और यह समिति किस तरह काम करेगा उसको लेकर भी चर्चा की गई। दिल्ली में इस तरह का पहला समिति होगा जो इस मुद्दे और दूसरा आदिवासी मुद्दा को गहराई से जांच करेगा और किस तरह इस समस्या को समाधान किया जाये उसके लेकर भी योजना की तरह काम करेगा। यहा यह बताना जरुरी होगा की कई राज्य सरकारें आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं । राज्यों में पांचवीं अनुसूची का सही तरीके से पालन तक नहीं किया जा रहा हैं। सरकार जब चाहे तब आदिवासियों के ऊपर अत्याचार करते हैं।
इस अवसर पर डा. वर्जेनियस खाखा, एडवोकेट निकोलास बारला, डा. अभय खाखा, बेन्जामिन बारा आदि लोगों ने संगोष्ठी को सम्बोधित किया।

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