असम में नागरिकता के लिए 3 महीने में करना होगा आवेदन

असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत, नागरिकों को नागरिकता के आवेदन के लिए सिर्फ तीन महीने ही समय दिए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने अधिनियम के तहत नागरिकता के आवेदन को अनिश्चित काल के बजाय तीन महीने रखने का अनुरोध किया था। विशेष सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार, नए कानून के तहत, भारत की नागरिकता लेने वाले लोगों को संविधान की शपथ लेनी होगी। साथ ही, उन्हें अपने धर्म और भारत में प्रवेश की तारीख से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। यह सीएए में शामिल किए जाने वाले नियमों में से है। ज्ञात हो कि पिछले महीने असम के सीएम सोनोवाल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि सीएए के तहत नागरिकता के आवेदन की एक समय-सीमा निर्धारित की जाए और कानून में असमिया हितों का भी ध्यान रखा जाए।

गृह मंत्रालय ने बताया कि असम सरकार के प्रस्ताव को मान लिया गया है और सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने की समय-सीमा तीन महीने तय कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह ओपन-एंडेड नहीं होगा। इसके अलावा सीएए के तहत आवदेकों को इंटेलिजेंस ब्यूरो या फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस से एक डिटेल्ड रिपोर्ट भी लेनी होगी।

ज्ञात हो की नागरिकता के लिए आवेदन लेने तथा कानून में निर्धारित अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के 6 समुदाय (हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, क्रिश्चियन और जैन) के लोगों की नागरिकता की सिफारिश के लिए गृह मंत्रालय ने जिला कलेक्टरों, डेप्युटी कमिश्नर्स और जिलाधिकारियों को नियुक्त किया है। बता दें कि गृह मंत्रालय कानून मंत्रालय के साथ मिलकर सीएए में शामिल किए जाने वाले नियमों को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है।

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