जनजातिकरण को लेकर असम के सभी जिलों में आसा का जोरदार धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली :ऑल आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ असम ( आसा ) के बैनर तले राज्य के लगभग सभी जिलों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और विरोध रैली का आयोजन किया गया । इस धरना प्रदर्शन में हर जिले में हज़ारों के तादात में आसा के कार्यकर्ता ने जोरशोर से भाग लिया और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर छात्र नेताओ ने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही हैं। अगर 2021 से पहले हमारे मांगो को नहीं माना गया तो बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

बता दे कि राज्य के सभी जिलों में आसा के कार्यकर्ताओ ने जोरदार नारेबाजी करते हुए बीजेपी सरकार मुर्दाबाद, असम सरकार हाई -हाई, नो एस टी नो रेस्ट आदि स्लोगन दिए। आसा असम के आदिवासियों के लिए लम्बे अरसे से मांग करते आ रहे हैं कि असम के संथाल, मुंडा, उरांव, खड़िया , गोंड, किसान, प्रजा,भील व अन्य आदिवासियों को असम में जनजाति का दर्जा मिले ।
असम के इन आदिवासियों को देश के अन्य राज्यों में अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त हैं। लेकिन असम में इन्हे अबतक जनजाति का दर्जा नहीं मिला हैं। राज्य सरकार भी सिर्फ भोटबैंक के लिए इनको इस्तेमाल करते हैं।
छात्र संगठनो ने इस धरने के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उपायुक्त के जरिये एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें अनुसूचित जनजाति की सूची में असम के आदिवासियों को शामिल करने, असम के चाय बागानों के मजदूरो के मजदूरी प्रतिदिन 350 रूपये करने और असम के आदिवासियों को जमीन का पट्टा देने की मांग की गई।

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