छह जनगोष्ठियों को लेकर देवब्रत सैकिया की अध्यक्षता में क़ानूनी सलाहकार समिति गठन

गुवाहाटी (आधुनिक इंडिया संवातदाता) राज्य में विधानसभा चुनाव आते ही छह जनगोष्ठियों के जनजातिकरण का मुद्दा जोर पकड़ लेता हैं। इसका महत्व राजनैतिक पार्टियों में बढ़ जाता हैं। सभी राजनैतिक पार्टिया इस छह जनगोष्ठी को जनजाति का दर्जा देने का राजनीतिक लॉलीपॉप दिखाकर उनका बहुमूल्य वोट हासिल करने में सभी तरीका अपनाती हैं। वर्त्तमान में भी असम विधानसभा चुनाव प्रचार चरम पर हैं।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया हैं। कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र में पांच गारंटी सहित कई अन्य लुभावने वादे किए। इसके उपरांत रविवार को प्रदेश कांग्रेस ने राज्य के अन्य जनजातियों को बिना किसी नुकसान होने देने का वादा करते हुए छह जनगोष्टियों के जनजातिकरण को लेकर एक कानूनी सलाहकार समिति का गठन किया। प्रदेश कांग्रेस समिति ने चाय बागानों में दशकों से अस्थाई रूप से निवास कर रहे चाय श्रमिकों को भूमि का पट्टा देने तथा आवास मुह्हेया करने के लिए भी एक कानूनी सलाहकार समिति का गठन किया। समिति संवैधानिक पहलुओं को अध्ययन कर छह जनगोष्ठियों और चाय श्रमिकों की एक लंबित मांग पूरा करेगी। समिति में कांग्रेस विधायी दल के नेता देवब्रत सैकिया को अध्यक्ष के रूप में चयनित किया गया हैं। समिति को उनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौपने का आग्रह किया गया हैं।

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