लरका आंदोलन के प्रणेता अमर शहीद वीर बुधु भगत पराक्रमी योद्धा थे : सुखदेव भगत

लोहरदगा : लरका आंदोलन के प्रणेता वीर बुधू भगत के 227वीं जयंती पर रविवार को जिलेवासियों ने माल्यार्पण कर नमन किया। शहर के मैना बगीचा में नवयुवक सरना समिति के तत्वावधान में आयोजित वीर बुधू भगत जयंती समारोह में विधायक सुखदेव भगत, नगर परिषद अध्यक्ष अनुपमा भगत के साथ युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अभिनव सिद्धार्थ समेत जिलेवासियों ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। सभी ने शहीद के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और आदिवासी हितों को लेकर संगठित होने पर बल दिया। बुधु भगत जयंती समारोह का शुभारंभ सोमा पाहन द्वारा वीर बुधु भगत की प्रतिमा आदिवासी रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना करने के बाद झंडा स्थापना कर किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 52 खोड़ा शामिल हुए। विधायक सुखदेव भगत ने सभी खोड़ा दल से मिलकर सामूहिक नृत्य में भी सहभागिता निभाई और खोड़ा को प्रतीक चिन्ह के रूप में झंडा दिया। मौके पर विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि शहीदों के आदर्श पर चलकर बेहतर समाज का निर्माण करना है। शहीद हमेशा हम सभी को प्रेरणा देने का काम करते हैं। लरका आंदोलन के प्रणेता अमर शहीद वीर बुधु भगत पराक्रमी योद्धा थे। वीर बुधु भगत ने 1828-1832 तक अंग्रेजों से सीधी लड़ाई लड़ी थी। वीर बुधू भगत पर उस समय अंग्रेजी हुकूमत ने एक हजार रुपए का इनाम रखा था। वे अपने दो वीर पुत्रों हलधर-गिरधर के साथ अंग्रेजों से लोहा लेते हुए वीरगति प्राप्त किए थे। उन्होंने कहा कि वीर बुधू भगत को इतिहास में वह दर्जा नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे। राज्य सरकार को वीर बुधू भगत की जीवनी को पाठ्य पुस्तकों में शामिल करना चाहिए ताकि हमारे बच्चे उनकी जीवनी से प्रेरणा ले सकें। नगर परिषद की अध्यक्ष सह कांग्रेस नेत्री अनुपमा भगत ने कहा कि शहीद व महापुरुषों के आदर्श अपनाकर ही बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है। झारखंड वीरों और शहीदों की धरती है। यहां के वीरों को आज भी इतिहास में पहचान नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि नशापान समाज को बर्बाद कर रहा है। इससे बचकर रहने की जरूरत है। युवक कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री अभिनव सिद्धार्थ ने कहा कि प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 से पूर्व 1832 में वीर बुधु भगत ने अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया था। हमें उनके सपनों को मिलकर पूरा करना है। समाज की रक्षा के लिए वीरों ने अपने प्राण त्याग दिए। हमें अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा करनी है। वीर बुधू भगत, उनके पुत्र हलधर-गिरधर, पुत्री रूनिया-झुनिया की शहादत बेकार नहीं जाएगी। मौके पर फूलदेव उरांव, मनोज सोन तिर्की, कार्तिक कुजूर, शाहिद अहमद बेलू, अनिल कुमार, पवन कुमार गौतम, आलोक कुमार साहू, सुमित सिन्हा, विजय चौहान, सोनू कुरैशी समेत कई लोग मौजूद थे।

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