आदिवासियों में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान

अनूपपुर : आदिवासी समुदाय को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक बनाने का बीड़ा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक के समाज कार्य विभाग के शिक्षकों और छात्रों ने उठाया है। इसके अंतर्गत विभिन्न गांवों में नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से व्याख्यान, जागरूकता वीडियो का प्रदर्शन और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जा रहे हैं। अभी तक आठ स्थानों पर यह कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान के सहयोग से आयोजित किए जा रहे इन आठ दिवसीय कार्यक्रमों के अंतर्गत बिजौरी, फेरीसीमा, पामरा, अमरकटंक, हर्राटोला, पो$डकी, मैकल पहा$ड और बेजरी क्षेत्रों के ग्रामीणों को शराब, मादक द्रव्यों और नशीली दवाओं से होने वाले सामाजिक, मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही नशे के दुष्प्रभावों पर रंगोली प्रतियोगिता और बहस एवं चर्चाएं भी आयोजित की गई। इसमें विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों,चिकित्सकों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों के साथ अपने विचार साझा किए।

जागरूकता कार्यक्रमों से प्रोत्साहित ग्रामीणों ने स्वयं नशा न करने और युवा पीढ़ी को भी इसके दुष्परिणामों से बचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम, निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय और विभागाध्यक्ष प्रो. अजय वाघ के निर्देशन में डॉ. रमेश बी. और डॉ. नागालिंगम एम. ने आयोजित किए। कुलपति प्रो. टी.वी. कटटीमनी ने इन जागरूकता कार्यक्रमों को अन्य गांवों में आयोजित करने के लिए शिक्षकों और छात्रों को प्रोत्साहित किया है।

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