सीमा सड़क संगठन के मजदूरों के हितों की सुरक्षा की मांग को लेकर भूख हड़ताल करेगा

नई दिल्ली, (आ.ई.स.) पूर्वोत्तर राज्यों में सीमावर्ती इलाकों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सड़क निर्माण परियोजनाओं में लगे मजदूरों की दयनीय कार्यदशा की ओर श्रमिक संगठन ने केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए अगले २२ नवंबर से २४ नवंबर तक (४८ घंटे) दिल्ली के जंतर मंतर में भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया गया हैं।
बीआरओ लेबर्रस यूनियन (बीआरओ-एलओ) ने सोमवार को इस संबंध में अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू को ज्ञापन सौंपा है। बीआरओ-एलओ के अध्यक्ष लेकी सेरिंग ने आधुनिक इंडिया को बताया कि उनका संगठन सीमा सड़क निर्माण से जुडे 50 हजार मजदूरों के हक़ की आवाज़ पिछले एक दशक से उठा रहा है लेकिन अभी तक बीआरओ, रक्षा-मंत्रालय और केंद्र सरकार ने आवश्यक कार्रवाई नहीं की है। इसीलिए सुदूर पूर्वोत्तर से राजधानी दिल्ली आकर भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया गया हैं । ताकि बीआरओ लेबॉर की बात को केंद्र सरकार सुन सके । उन्होंने बताया कि बीआरओ में कार्यरत मजदूरों को श्रम कानूनों में उल्लिखित वेतनमान, बोनस, ग्रेच्यूटी और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। सीमा सड़क निर्माण से जुड़े मजदूरों को फिलहाल माह में केवल दो छुट्टी है मिलती है। मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। साथ ही महिलाओं को मातृत्व अवकाश, कर्मचारी भविष्य नीधि जैसे तमात हक से वंचित रखा जा रहा है। यहां तक कि ये मजदूर इतने दुर्गम क्षेत्रों में काम करते हैं जहां कभी-कभी भोजन मयस्सर नहीं हो पाता । बीआरओ एक ओर जहां एक ओर यह कहता है कि आप राष्ट्र निर्माण से जुड़े हैं वहीं दूसरी ओर उनकी कार्यदशा बेहतर बनाने की बात करता है।

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