सीमा सड़क संगठन के मजदूरों ने दिल्ली के जंतर मंतर में जोरदार धरना प्रदर्शन किया

नई दिल्ली (आधुनिक इंडिया संवातदाता ) पूर्वोत्तर राज्यों में सीमावर्ती इलाकों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सड़क निर्माण परियोजनाओं में लगे मजदूरों की दयनीय कार्यदशा की ओर एक श्रमिक संगठन ने केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है तथा मजदूरों का हित सुनिश्चत करने की मांग की है।
बीआरओ लेबर्रस यूनियन (बीआरओ-एलयु ) ने आज दिल्ली के जंतर मंतर में ४८ घंटे का भूख हड़ताल का पहला दिन पूर्ण किया । जिसमे महिलाओं ने अपने पारम्परिक भेषभूषा के साथ भूख हड़ताल में शामिल हुए । भूख हड़ताल किया जिसमे संगठन ने अपने २७ दफा मांग को दोहराया हैं। 
बीआरओ-एलओ के अध्यक्ष लेकी सेरिंग ने आधुनिक इंडिया को बताया कि उनका संगठन सीमा सड़क निर्माण से जुडे 50 हजार मजदूरों के हक़ की आवाज़ पिछले एक दशक से उठा रहा है लेकिन अभी तक बीआरओ, रक्षा-मंत्रालय और केंद्र सरकार ने आवश्यक कार्रवाई नहीं की है इसलिए दिल्ली में आकर भूख हड़ताल करने को मजबूर हुए हैं. उन्होंने बताया कि बीआरओ में कार्यरत मजदूरों को श्रम कानूनों में उल्लिखित वेतनमान, बोनस, ग्रेच्यूटी और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं है। सीमा सड़क निर्माण से जुड़े मजदूरों को फिलहाल माह में केवल दो छुट्टी है मिलती है। मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। साथ ही महिलाओं को मातृत्व अवकाश, कर्मचारी भविष्य नीधि जैसे तमात हक से वंचित रखा जा रहा है। यहां तक कि ये मजदूर इतने दुर्गम क्षेत्रों में काम करते हैं जहां कभी-कभी भोजन मयस्सर नहीं हो पाता । उन्होंने बताया कि बीआरओ-एलओ ने रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में भी इस संबंध में अपनी बात रखी है। सभी मंत्रालयों ने मदद करने का आश्वासन दिया है। बीआरओ एक ओर जहां एक ओर यह कहता है कि आप राष्ट्र निर्माण से जुड़े हैं वहीं दूसरी ओर उनकी कार्यदशा बेहतर बनाने की बात करता है।

आज भूख हड़ताल में कई स्लोगन देकर सरकार का जबरजस्त विरोध प्रदर्शन किया हैं । उन्होंने यह भी बताया कि इस भूख हड़ताल से भी सरकार ने अगर कोई जरुरी कदम नहीं उठाया तो इससे भी भयंकर आंदोलन करने के लिए वे मजबूर होंगे । यहा यह बताते चले कि बीआरओ रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता हैं। इस भूख हड़ताल में असम, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के बीआरओ श्रमिकों ने भाग लिया। इस भूख हड़ताल को बीआरओ लेबॉर यूनियन के कई कार्यकर्ता तथा अन्य सहयोगी संगठनो के कार्यकर्ताओ ने सम्बोधित किया।

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